Sunday, September 16, 2012

हिना से तो बेहतर

माशूका जब अपने दिलबर से मिलने आई
दिलबर को ना पा कर वहाँ बहुत घबराई
घबराहट में उसने अपने दिलबर को तुरंत फोन लगाया
दिलबर के मोबाइल की रिंगटोन को पास ही बजते पाया
दिलबर माशूका को देख कर मुस्कुराया
माशूका को ये माजरा समझ नहीं आया
दरअसल वो अपने दिलबर को पहचान ही नहीं पाई थी
दिलबर ने अपने बालों में खिजाब नहीं हिना लगाई थी
माशूका नाराज़ हो गयी अपने दिलबर से
नाराज़गी को परोसते हुए बोली दिलबर से
खिजाब खत्म हो गया था पहले बता दिया होता
हिना से तो बेहतर था हिजाब लगा लिया होता !!
~गौतम केवलिया.
Hari Bol...

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