Saturday, February 17, 2018

ज़िन्दगी में खुशी और ग़म साथ-साथ चलते हैं। हर इंसान के जीवन में हँसने और रोने के मौके आते ही रहते हैं. आपकी खुशी में बहुत से लोग शरीक हो सकते हैं मगर आपके ग़म, सिर्फ़ आप ही को उठाने होते हैं।
अक्सर आपने ये कहा जाते भी जरूर सुना होगा कि 'दुःख की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं..'
मगर हकीक़त यही है कि Only wearer knows, where the shoe pinches!
#HariBol

Wednesday, February 14, 2018

14 फ़रवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of February 14
गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह की 1537 में पुर्तगालियों से बच कर भागने के दौरान डूबने से मौत।
पंजाब के गुरुदासपुर जिले के कलानौर में 1556 में 13 वर्ष उम्र में अकबर का राजाभिषेक हुआ।
शाहजहाँ 1628 में आगरा की गद्दी पर बैठा।
कनाडा 1663 में फ़्रांस का एक प्रान्त बना।
हेनरी पेलहम 1743 में ब्रिटेन के वित्त विभाग के पहले प्रमुख बने।
भारत के पहले होमयोपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना 1881 में कोलकाता में हुईं।
अमेरिकी कांग्रेस ने 1899 में संघीय चुनाव में वोटिंग मशीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी।
लंदन के पास ग्रोटन शहर में 1912 में पहली डीजल पनडुब्‍बी बनाई गई।
पोलिस-सोवियत युद्ध 1919 से आरंभ।
शिकागो में महिला मतदाता लीग की स्थापना 1920 में की गयी।
न्यूयॉर्क में आइबीएम की स्थापना 1924 में हुई।
महान् क्रान्तिकारी सुखदेव, राजगुरु तथा भगत सिंह को लाहौर के एक जेल में 1931 में आज ही के दिन फाँसी दे दी गयी।
पेरू, चिली, पराग्वे और इक्वाडोर संयुक्त राष्ट्र के सदस्य 1945 में बने।
अमेरिका ने 1972 में चीन के साथ व्यापार प्रतिबंधों में ढील की घोषणा की।
अमेरिका ने 1978 में सऊदी अरब, मिस्र, और इसरायली को अरबों डॉलर के हथियार बेचने की घोषणा की।
काबुल में अमेरिकी राजदूत एडोल्फ़ डक्स की मुस्लिम उग्रवादियों द्वारा 1979 में हत्या।
भोपाल गैस कांड की जिम्‍मेदारी यूनियन कार्बाइड 1989 में सरकार को मुआवजा देने पर राजी हुई थी।
बंगलौर में इंडियन एयरलाइंस 605 पर सवार 92 लोग 1990 में विमान दुर्घटना में मारे गये।
भारतीय क्रिकेट ख़िलाड़ी कपिल देव ने 1993 400 विकेट और 5000 रनों का रिकार्ड बनाया
इम्फाल में 1999 में पांचवे राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत हुई।
उमर शेख़ ने 2002 में कहा, पर्ल जीवित नहीं, किन्तु तलाश जारी।
जर्मन निदेशक की ‘हेड आन’ फ़िल्म को 2004 में गोल्डन बीयर पुरस्कार मिला।
2005 में प्रसिद्ध साहित्यकार डाक्टर विद्यानिवास मिश्र की सड़क दुर्घटना में मृत्यु।
दुनिया भर में वीडियो शेयरिंग वेबसाइट यूट्यूब को 2005 में एक्टिवेट किया गया था।
न्यायाधीशों के विरोध में 2006 में सद्दाम हुसैन भूख हड़ताल पर गये।
2007 में मध्य प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे श्यामाचरण शुक्ल का निधन हुआ।
नैया मसूद को 2008 में उनके कहानी संग्रह तऊस चमन की मैना के लिए वर्ष 2007 का ‘सरस्वती सम्मान’ प्रदान किया गया।
सानिया मिर्ज़ा ने 2009 में पटाया ओपन टेनिस के फाइनल में प्रवेश किया।
#14 फ़रवरी को जन्मे व्यक्ति – Born on 14 February
मुग़ल साम्रज्य के सम्राट बाबर का जन्म 1483 में हुआ।
राज्य परिषद के अध्यक्ष अलेक्जेन्डर मडीमैन का जन्म 1875 में हुआ।
प्रमुख मुस्लिम दार्शनिक सैयद ज़फ़रुल हसन का जन्म 1885 में हुआ।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता मोहन धारिया का जन्म 1925 में हुआ।
खूबसूरत अभिनेत्री मधुबाला का जन्‍म 1933 में हुआ था।
हिन्दी के प्रसिद्ध आलोचक कमला प्रसाद का जन्‍म 1938 में हुआ था।
भारतीय जनता पार्टी की महिला राजनीतिज्ञ सुषमा स्वराज का जन्‍म 1952 में हुआ था।
भारतीय अभिनेत्री सकीना जाफ़री का जन्‍म 1962 में हुआ था।
#14 फ़रवरी को हुए निधन – Died on 14 February
1964 में भारतीय सिविल सेवक और प्रशासक वी.टी. कृष्णमाचारी का निधन हुआ था।
1975 में मशहूर लेखक सर पेल्‍हम ग्रेनिवाल वुडहाउस का निधन हुआ था।

2005 में हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार विद्यानिवास मिश्र का निधन हुआ था।

Sunday, February 11, 2018

हमारे पड़ोसी श्री छद्मी लाल जी, एक स्थापित साहित्यकार हैं। कविता, कहानी, व्यंग्य से ले कर नाटक, उपन्यास तक उनका पूरा दखल है। कुल मिला कर साहित्य की कोई भी विधा, उनसे अछूती और अछूटी नहीं है। पूरा शहर उनके कलाम से त्रस्त है।
श्री छद्मी लाल जी, स्थापित कब, कहाँ और कैसे हुए, ये बात पूरा मोहल्ला अब तक नहीं जान पाया है। हमने जब होश संभाला, तब तक स्वनाम धन्य, श्री छद्मी लाल जी, पूरे शहर में सुने-पढ़े और जाने, जाने लगे थे. साहित्यिक कार्यक्रमों में उनकी बुकिंग, बकायदा टेंट हॉउस के सामान के साथ ही हुआ करती थी।
पिछले कुछ अरसे से उन्होंने अपना तखल्लुस 'ज़ालिम' लिखना शुरू कर दिया है। हमने उनसे इस परिवर्तन का कारण पूछा तो बोले,"वो क्या है ना...कि जिस तरह असद साहब, 'ग़ालिब' का तख़ल्लुस लगा कर अमर हो गये हैं, हम भी उसी तरह 'ज़ालिम' के नाम से अमर होना चाहते हैं...!!"
हमने ख़ामोशी से आगे बढ़ते-बढ़ते, मन ही मन सोचा, 'ज़ालिम' तख़ल्लुस लगाने की क्या जरुरत थी, सारा शहर आपको पहले से ही 'ज़ालिम' मानता है!
~गौतम केवलिया, बीकानेर।
#HariBol
फासले घरों के तो कम हो गए थे 'गौतम'
दूरियाँ दिलों की मुसल्सल बढ़ती ही रहीं!
#HariBol